Rajasthani churma recipe

Churma is a rajasthani traditional food which is combined with urad channa dal generally. This is a very rich food and can be preserved for 10 to 15 days in normal conditions. This food is a complete meal itself and a filling diet too. Making this dish is very easy let’s have a look:

Ingredients:

Wheat flour: 2 cups

Coarse sugar powder: 1.5 cup

Cardamom powder : 1 tbsp

Chopped dry fruits: ½ cup

Sugar candy : 1 tbsp

Milk : 1.5 cup or as much required to knead the dough

Ghee for moyan : 2 tbsp

Ghee for churma : 1 cup approx..

Method:

Add moyan and milk in wheat flour and knead the dough. Divide the dough into equal balls and roll them on rolling board.

Make paranthas by applying ghee on both sides of it on tawa.

After making all the paranthas, cut them into pieces and churn in mixer once they are cooled down. Add ghee to it until gets binding consistency. Now add sugar, cardamom powder, sugar candy and dry fruits. Make the ladoos of this mixture or keep it as well.

This is the one of the methods to make churma. I am sharing here one more process here let’s see how:

Same ingredients will be required for this method also.

Take equal size balls from dough, press them in your fist and deep fry them in ghee. Let them cool down and grind in mixture. Follow the same process as above. Well these are the two ways of making churma. Both process gives the different taste, an texture. So, do try this churma recipe and relish the dish.

I made this with freshly ground multigrain flour immediately with my Greenfuture domestic flour mill. This mill is so compact to place beside any other gadget on your kitchen slab. Grind grains/spices/pulses of your choice according to your required quantity. The aroma, taste and nutritional value of freshly ground ingredient is much higher than the stored one.

So get the most out of your milled materials!!!!!

 

आधुनिक युग में पुरातन परंपरा

हमारे प्राचीन काल के पास बहुत कुछ अच्छा है हमें देने के लिए। आज भी हम बहुत सी चीजें अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं जो हम अपनी दादी नानी से सुनते आए हैं क्योंकि हम जानते हैं वह बातें या परंपराएं पहले भी और आज भी महत्वपूर्ण हैं। फर्क सिर्फ उन्हें अपनाने में आधुनिकरण का है। आधुनिकता को समझने के लिए परंपरा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है क्योंकि उसकी जड़ी वहीं से जुड़ी हुई है। पुराने समय में हमारे ऋषि-मुनियों ने या बाद के समय के वैज्ञानिकों ने तर्क के साथ जो जीवन के नए मापदंड प्रस्तुत किए थे वह आज भी प्रासंगिक हैं। परिवर्तन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो कि किसी भी परंपरा मे नवीनता लेकर आती है बिना उसके महत्व को कम किए। उसी परंपरा को ग्रीन फ्यूचर प्राइवेट लिमिटेड आपकी रसोई में लेकर आया है बिल्कुल आसान और बेहतरीन इस्तेमाल के साथ। ग्रीन फ्यूचर घरेलू आटा चक्की उसी परंपरागत तरीके से ही किसी भी तरह के अनाज/ मसाले /दालो को पिस्ता है जैसा कि पुराने समय में पत्थर के दो पाटों के बीच में उन्हें डालकर पीसा जाता था। पत्थर से की गई पिसाई अनाज या दूसरे सभी से जाने वाली वस्तुओं के पौष्टिक तत्वों को बरकरार रखती है और आटे को गर्म होने से बचाती है जिससे उसके फाइबर नष्ट नहीं होते। पहले के समय में पूरे दिन के खाने के लिए सुबह ही घर की महिलाओं के द्वारा आटा पीस आ जाता था। उस समय आटे को कई दिनों के लिए पीसकर इकट्ठा करके नहीं रखा जाता था क्योंकि शायद वह जानते थे कि ताजे आटे और पीसकर रखे गए आटे की पौष्टिकता में बहुत अंतर आ जाता है। ताजा पिसा हुआ आटा ज्यादा पौष्टिक होने के साथ-साथ बहुत हल्का भी होता है जो की बूंद के वक्त अधिक पानी सोखता है जिससे आटे की गुणवत्ता कई गुना बढ़ जाती है। ग्रीनफ्यूचर आटा चक्की को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है आप इसे अपनी रसोई के स्लैब पर ही रख सकते हैं। 12″*12″*16″ की इस मशीन से आप बहुत कम समय में किसी भी तरह की अनाज को मनचाहे आकार में पी सकते हैं। इस में प्रयोग आने वाला पत्थर (सेरेमिक कोरेन्डम) आटे को पीसते वक्त ठंडा रखता है। यह पत्थर लंबे समय तक चलने वाला तथा खुद पैदा होने वाला पत्थर है। इस आटा चक्की को प्रयोग करने के बहुत से फायदे में से कुछ इस प्रकार हैं :

1. शुद्धता: बाहर आता विश्वानी में आटे के संक्रमित होने के या उसमें शुद्धता मिलने की संभावना काफी अधिक होती है जिससे आप घर में ग्रीन फ्यूचर ग्रेन ग्राइंडर से आटा पीस कर बच सकते हैं। बाजार से पिसे हुए मसालों में जिस तरह की मिलावट पाई जाती है वह सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक होती है। Green future domestic flour Mills की मदद से ना केवल मिलावट को रोका जा सकता है बल्कि घर पर पीसने से मसालों की लागत भी काफी कम होती है।

2. पौष्टिकता: ताजे पिसे हुए आटे में किसी भी अनाज के वह सभी पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं जो स्टोर किए गए आटे में धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं।

3. कम आवाज: इन सभी च चक्कयो में प्रयोग होने वाली elastic bedding को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह पीसने की समय पैदा होने वाले शोर को बाकी आटा चक्की ओ की तुलना में बहुत कम कर देता है।

4. उत्तम परिणाम: आकार में बहुत छोटी होने के बावजूद इसके परिणाम अविश्वसनीय हैं। इसमें अगर आप कम से कम एक चम्मच अनाज/ मसाले या दाल भी पीसना चाहे तो आप तुरंत ऐसा कर सकते हैं बिना किसी प्रोसेस
लौस के।

5. कम बिजली की खपत: सभी 11 मॉडल्स में छोटी चक्की ओं में 360 वोट तथा बड़ी में 720 वोट की औद्योगिक श्रेणी की मोटर काम करती है जो कि एक यूनिट से भी कम बिजली प्रयोग करके अच्छी रफ्तार में आपको पिसी हुई सामग्री उपलब्ध कराती है।

6. सुविधाजनक: आटा चक्कीओं को प्रयोग करना, उठाना, कहीं ले जाना बेहद आसान है। हर प्रयोग के बाद इसे साफ करने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। अपनी आवश्यकता के अनुसार आप जब चाहे सिर्फ एक बटन दबा कर इसे प्रयोग कर सकते हैं। इसके अंदर लगा हुआ ऑटोमेटिक क्लीनिंग ब्रश अंदर किसी भी तरह का अवशेष रहने नहीं देता जिससे मशीन अंदर से साफ ही रहती है। इस तरह से सभी विशेषताएं ग्रीन फ्यूचर फ्लोर मिल्स को दूसरी चकिकयो के मुकाबले में बेहतर और विशेष साबित करती हैं।

 

ग्रीन फ्यूचर आपके स्वस्थ जीवन की कामना करता है!!!